Ghaat

घाट पे हम क्या करेंगे

तुमने एक दिन पूछा था

 

आदि केशव का प्राचीन मंदिर

उस से उतरती सीढ़ियाँ

उन पे सरकती चमकती रेलिंग

इस नये पुराने के मिलन पे हम साथ बैठेंगे

 

कभी हम पुराने सूरज - चाँद देखेंगे

कभी उनकी नयी परछाई

 

कभी हम नयी लहरों को सुनेंगे

कभी पुराने पानी को छुएँगे

 

कभी हम नयी ट्रेन को जाते देखेंगे

कभी पुराने पुल को खड़े

 

कभी हम नयी नाव को बनते सुनेंगे

कभी नहाते बच्चों की पुरानी हँसी को

 

कभी हम पुरानी यादों के साथ रहेंगे

कभी नयी यादें बनाएँगे

 

इस नये पुराने के खेल मे घाट पे हर रोज़

हम हाथ थामे चुप्पी भी शेयर करेंगे

 

और कभी कभी चाय की चुस्की लेने

चंदन शहीद दरगाह पे भी चल चलेंगे


Illustration by children of classes 5th and 6th, April 2024

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